सितंबर 2024 – दिल्ली में हिंदू नेताओं की ऐतिहासिक सभा
सितंबर 2024 में, दिल्ली में हिंदू धर्मगुरुओं और नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस सभा का मुख्य उद्देश्य हिंदू मंदिरों की रक्षा, सनातन संस्कृति को बढ़ावा देना और हिंदू धर्म से जुड़े संस्थानों का स्वतंत्र प्रबंधन सुनिश्चित करना था। इस ऐतिहासिक सभा में, “सनातन बोर्ड” के गठन की मांग उठाई गई, जिससे हिंदू समाज को एक संगठित और प्रभावशाली मंच मिल सके।
सनातन बोर्ड की आवश्यकता क्यों?
भारत में कई मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं, जिससे उनकी आय और संपत्ति का उपयोग कभी-कभी उचित रूप से नहीं हो पाता। इसके अलावा, हिंदू संस्कृति और परंपराओं को सुरक्षित रखने के लिए एक सशक्त संगठन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। सनातन बोर्ड की स्थापना से मंदिरों का प्रबंधन, गुरुकुलों का संचालन और सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।
इस सभा में कौन-कौन शामिल हुआ?
इस ऐतिहासिक सभा में देशभर से प्रतिष्ठित संत, महंत, धार्मिक गुरुओं और हिंदू संगठनों के नेताओं ने भाग लिया। इनमें से कई नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि हिंदू समाज को अब अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थानों की रक्षा के लिए स्वयं संगठित होने की आवश्यकता है।
सनातन बोर्ड के उद्देश्य
-
हिंदू मंदिरों की स्वतंत्रता – सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर मंदिरों के प्रबंधन को हिंदू धर्माचार्यों के हाथों में देना।
-
गुरुकुलों और वैदिक शिक्षा का प्रचार – पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करना और इसे आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ना।
-
गौशालाओं और धार्मिक संस्थानों का संरक्षण – धर्मार्थ कार्यों को बढ़ावा देना और सनातन परंपराओं को मजबूत करना।
-
हिंदू संस्कृति और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा – धर्मांतरण, हिंदू विरोधी गतिविधियों और सांस्कृतिक हमलों के खिलाफ संगठित प्रयास।
आगे की राह
सनातन बोर्ड के गठन की यह मांग अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। आने वाले महीनों में विभिन्न राज्यों में बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि इस विचार को और अधिक मजबूती दी जा सके। सनातन धर्म के अनुयायी और संत समाज इस पहल को लेकर उत्साहित हैं और इसे एक बड़े बदलाव की शुरुआत मान रहे हैं।
Leave a Reply